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तेरे कदम थमे क्यों ?
चल चलें कहीं दूर, जहाँ बस तू और मैं थमे क़दमों को रोक न ,मेरे पास आने दे जिन दीवारों में दरारें हैं उन दीवारों को तोड़ दें जिन बेड़ियों से जकड़े हैं उन बेड़ियों को तोड़ दें अब देर कैसी ,क्यों किसलिए सोचना इतना तेरे दिल में जो आशियाना ,चल वहीँ जा बसें जीना है तुझे मेरे साथ ,मरना है मुझे तेरे साथ काफी नहीं क्या ये , इस प्यार के लिए
badhiya
ReplyDeleteGreat article, Thanks for your great information, the content is quiet interesting. I will be waiting for your next post.
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