की मेरी चाहत में भी खुदाई है ...


इंतज़ार किया है तेरा सदियों तक
तू आया भी तो झलक दिखाने
मुझ पर सितम ढाने या आजमाने
मुझपे सितम न ढा ज़ालिम
की सदियाँ बितायीं है तेरी राह में
आजमाले मुझे चाहे जितना
की मेरी चाहत में भी खुदाई है

Comments

Popular posts from this blog

एक दुआ मेरी ...