रिश्ता अनमोल तोहफा ..

एक दिन देखा एक नन्हा सा मुस्कुराता चेहरा अपने घर में माँ से पूछा कौन है ये ,क्यों आया यहाँ क्या है इसका नाम माँ बोली , जब कोई दोस्त न हो तुम्हारा ये खेलेगा तुम्हारे साथ जब भी बुरा लगे और झगड़ना हो ये देगा तुम्हारा साथ जब भी अकेलापन लगे कहना तुम इससे अपने दिल की बात आया है यहाँ तुम्हें हँसाने पर थोड़ी बदमाशियों और शरारतों के साथ रखेगा महफूज़ तुम्हें हर मुसीबत से ये वादा है उसका तुम्हारे साथ भाई कह कर तुम पुकारना और इसकी बहन कहलओगी आज के बाद ये भाई - बहन का रिश्ता अनमोल तोहफा ईश्वर ने दिया है तुम्हे आज चाहे रहो दूर पर रक्षा बंधन का दिन रखना हमेशा याद आज दूर सही मैं भाई तुमसे पर तुम हो हमेशा मेरे दिल के पास