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खो गया है बचपन

खो गया है कहीं तो बचपन  ढूँढने निकला उसे उन गलियों में  आंकने को ज़मी नहीं मिली  तराशने को आसमाँ न मिला  रौंद रहे थे एक दुसरे के साये भी एक दूसरे को  पैर फसा मैं गिरा, रास्तों पे गढ्ढे तक दिखते नहीं  क्या नन्हे क़दमों को मिलेगा रास्ता चलने को  या हवा में रस्ते बन चुके होंगे कहीं  खो गया है कहीं तो बचपन  बहुत ढूँढने पे उन गलियों में  खो गया है  बचपन   कहीं   ढूँढने निकला उसे उन गलियों में  आंकने को ज़मी नहीं मिली  तराशने को आसमाँ न मिला  रौंद रहे थे हमारे साये भी एक दुसरे को  मैं उलझा गिरा, कोई हाँथ न बढ़ा उठाने को  चलने को एक ठीक ठाक सी गली भी न मिली  क्या नन्हे क़दमों को मिलेगा रास्ता चलने को  सुना है आजकल भीड़ बहुत है आसमान में  लगता है वहीँ गया है घूमने हवा की गलियों में   जला न दे सूरज की आँच उसे  लग न जाए बादलों की ठोकर कहीं  ले न जाए उसे कोई उड़ा कहीं ,  मुझे भी बता दो रास्ता आसमां तक जाने का  खो गया है बचपन  कहीं