शोहरत के परिंदे

हम अक्सर शोहरत की चाह में जिंदगी के छोटे छोटे पलों में छुपी खुशियों को नज़रअंदाज़ कर दिया करते हैं , आगे बढ़ने की चाहत में कुछ ऐसा पीछे छूटता है जिसे हम चाह कर भी वापस नहीं पा सकते ।
कभी ख्वाब,कभी हकीकत,कभी कुछ ख्याल,कभी खोजते हैं वजूद अपना बस यही दुनिया है मेरी,जिस रह चल पड़े ये दिल वहीँ होती है राहगुजर अपनी....