नसीब में सिर्फ तन्हाई है ......

दूर होकर भी वो हमसे क्या खूब मोहब्बत करते हैं

चोट लगे यहाँ की अश्क उन आँखों से बहते हैं

खुश जो हों हम तो खुशियों की महफ़िल वो सजा लेते हैं

साथ जो मांगे हम उनका वो मुस्कुरा कर मुकर जाते हैं

कहूँ इसे वफ़ा उनकी या ये उनकी बेवफाई है,

की हर पल साथ वो मेरे फिर भी नसीब में सिर्फ तन्हाई है

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